
दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या का राज पुलिस ने सुलझा लेने का दावा किया है। स्वजन ने इस मामले में आठ लोगों को नामजद किया है। पुलिस ने शुक्रवार की देर रात छापेमारी कर चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। दो नामजद सुपौल और अररिया के जेल में बंद हैं, जबकि दो अपराधी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
जेल में बंद अपराधियों रूपेश यादव और क्रांति यादव पर हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है। पुलिस मोबाइल टावर का डाटा के इस्तेमाल से मामले की पड़ताल कर रही है। घटना में प्रयुक्त हथियार को बरामद करने का भी प्रयास जारी है। विमल के पिता हरेंद्र प्रसाद सिंह के बयान पर प्रथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी के आधर पर पुलिस ने विपिन यादव, भवेश यादव, आशीष यादव और उमेश यादव को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए आरोपितों का आपराधिक इतिहास भी रहा है। पुलिस सुपौल जेल में बंद रूपेश यादव और अररिया जेल में बंद क्रांति यादव को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।
एसपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि बदमाशों ने घटना को अंजाम देने के बाद पड़ोस के जिले में शरण ले रखी थी। पुलिस टीम लगातार अपने मुखबिरों के संपर्क में थी। मुखबिर ने भी रात दो बजे के बाद अपना मोबाइल बंद कर लिया था। पुलिस के समक्ष अपराधियों तक पहुंचने के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो गई।
डीएसपी रामपुकार सिंह और रानीगंज थाना प्रभारी कौशल कुमार के कठिन परिश्रम के बाद दो अलग-अलग ठिकानों पर छिपे बदमाशों का पता मिल गया। पुलिस ने चारों बदमाशों को देर रात दबोच लिया था। इन लोगों से कड़ाई से पूछताछ करने के बाद भी घटना में प्रयुक्त हथियार का पता नहीं चला। अब पुलिस रूपेश यादव और क्रांति यादव को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।