
कोरबा। राजनीति जो कराले कम है। सत्ता ना छूटे इसके लिए राजनेता हर वह हथकंडे अपनाते हैं, जिसके जरिए वे कुर्सी हासिल कर सके या फिर अपने कठपुतलियों को बैठा सके। यह बात कोरबा महापौर पर बिल्कुल सटीक बैठती है । तभी तो कथित फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का वरदहस्त प्राप्त कर महापौर राजकिशोर प्रसाद अब लगभग अपना महापौर का कार्यकाल समाप्त करने वाले हैं.लेकिन शिकायतो का पुलिंदा लिए भाजपा पार्षदों का दल आज भी सरकारो दफ्तरों के चक्कर काट रहा है।
महापौर राजकिशोर प्रसाद के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले की शिकायत 12 फरवरी 2021 को की गई थी। लेकिन आज तक सत्यापन समिति के द्वारा उक्त मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने से भाजपा पार्षद रितु चौरसिया काफी आक्रोशित हो गई है। उन्होंने इस मामले पर सीधे तौर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। क्योंकि जिस प्रकार से बार बार कई मौकों पर महापौर के जाति पर प्रश्न चिन्ह लगाया जाता है उसके बाद भी प्रशासनिक तौर पर कार्रवाई नहीं करना पार्षद रितु चौरसिया के आरोपों को भी सिद्ध करता है
सूत्र बताते हैं की निगम की सत्ता हाथ से ना जाए ।।इसके कारण क्षेत्र के बाहुबली नेता ने कठपुतली के तौर पर महापौर राज किशोर प्रसाद को महापौर बनाया । तब जाति आड़े आ रही थी। लेकिन सत्ता सहित प्रशासनिक क्षेत्रों में हस्तक्षेप रखने वाले विधायक के रहते ऐसी छोटी मोटी परेशानी कहां आने वाली थी । सो फौरी तौर पर महापौर रा किशोर प्रसाद के नाम से फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया और उन्हें बना दिया गया कोरबा का इशारों पर नाचने वाला महापौर।
बहरहाल दफ्तरों के चक्कर काट रही भाजपा दल अब आंदोलन के मूड में है। भाजपा पार्षद रितु चौरसिया ने सात दिवस के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है । देखना है इस बार महापौर के जाति की जांच की जाती है या फिर हर बार की तरह इस बार भी भाजपा पार्षदों का आवेदन फाइलों में दबकर दम तोड़ देगा।
