
कोरबा – ऐसे तो कांग्रेस सार्वजनिक मंच से एकजुटता का नारा देती है लेकिन किसी न किसी मौके पर पर ये गुटबाज़ी सामने आ ही जाती है। ताज़ा मामला राजीव गांधी युवा मितान क्लब के पदाधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है। यहां कांग्रेस बालको ईकाई ने ट्रांसपोर्ट नगर ऑडिटोरियम में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। बकायदा सोशल मीडिया के माध्यम से इसका प्रचार प्रसार करते राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल व पूर्व महापौर रेणु अग्रवाल को भी आमंत्रित किया लेकिन युवा मितान क्लब के जिला समन्वयक श्याम नारायण सोनी और ब्लॉक समन्वयक अभय तिवारी को कार्यक्रम की न तो जानकारी दी गई न आमंत्रण !
फजीहत तब हो गई जब मंत्री जी कार्यक्रम में अपने लाव लश्कर के साथ पहुंच गए लेकिन उनकी गरिमा के अनुरूप भीड़ ही नहीं पहुंची थी हजार लोगो की क्षमता वाला ऑडिटोरियम लगभग खाली सा नज़र आया जिसके बाद मंत्री के सिपहसालारों ने मोर्चा संभाला और खाली कुर्सियों को भराने का काम शुरू किया गया करीब एक घण्टे के भीतर जब लोगो की मौजूदगी हुई तब जाकर कहीं मंत्री जी प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को गिनाते नज़र आये। बकायदा मंत्री जी ने फेसबुक के जरिये इसका लाइव प्रसारण भी किया। लेकिन महंत गुट से ताल्लुक रखने वाले जिला समन्वयक श्याम नारायण सोनी को नहीं बुलाया गया।
कार्यक्रम में नहीं आमंत्रित करने के बाद श्याम नारायण सोनी की नाराजगी सामने देखने को मिली। श्याम ने बाकायदा एक वीडियो जारी कर कार्यक्रम के औचित्य पर ही सवाल खड़े कर दिये। बकौल श्याम “राजीव युवा मितान क्लब की जो बैठक ली गई है, उसकी जानकारी मुझे नहीं है, कई लोगों का फोन मुझे आया था, लेकिन बैठक की जानकारी मुझे नहीं होने की वजह से उन्हें बता नहीं पाया, प्रशिक्षण शिविर मुख्य तौर पर प्रशासन के संबंधित अधिकारी के उपस्थित मे किया जाता है, यह क्लब पूर्णतः गैर राजनीतिक है, जिसका कार्य शासन की योजनाओं को जन जन तक पहुचना वह सामाजिक रूप से कार्य करना होता हैं, जहां तक मुझे जानकारी है, बैठक की अपील किसी भी संगठन वह संस्था द्वारा नहीं की जा सकती है, उसे केवल शासी निकाय के प्रदेश , जिला समिति द्वारा ही बुलाया जा सकता हैं”
कार्यक्रम में भीड़ की कमी के अलावा एक और विषय चर्चा का केंद्र रहा वो था राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का पहनावा। मंत्री जी लंबे समय के बाद शर्ट पैंट पहने रंगीन कपड़ो में नज़र आये। जबकि मंत्री जी अमूमन सफेद कुर्ता पैजामे में ही नज़र आते है साथ ही कार्यक्रम में पूर्व महापौर रेणु अग्रवाल की मौजूदगी अब भी उनके सक्रिय राजनीति में बने रहने की गवाही देती नज़र आई। माना जा रहा था महापौर के कार्यकाल के समाप्ति के बाद सक्रिय राजनीति से वो किनारा कर चुकी है लेकिन आज की उनकी मौजूदगी ने लोगो को ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि कांग्रेस परिवार में चुनावी विकल्प वो भी हो सकती हैं।
तो सुना आपने कि किस तरह राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से बैठक ली गई और प्रभारी को ही नहीं बुलाया गया । फिलहाल यह विधानसभा चुनाव के पहले की सुगबुगाहट है ।देखना होगा कि आने वाले समय में कोरबा की राजनीति में राजनेता और किस पायदान पर जाकर गिरते हैं।
