पाॅपेट मेयर के राज में नगर निगम चौपट, बारिश होते ही सड़क पर आई नालियों की गंदगी और शहर की व्यवस्था पोपट

कोरबा। एक बार फिर रिमझिम फुहारों का सिलसिला चल पड़ा है। पर गर्मी से छटपटाते लोग राहत पाने अपनी नाक-मुंह बंद कर घर से बाहर निकलने मजबूर हो रहे हैं। दरअसल नगर निगम के तमाम दावे एक बार फिर फेल करते हुए नालियों का गंदा-बदबूदार पानी सड़क पर बह रहा है। अरसे से न तो नगर निगम के मेहनतकश अफसरों ने साफ-सफाई कराई है और न ही पानी निकासी के लिए जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर को ही पूरा किया। नगर निगम में काबिज कांग्रेसी महापौर ने दस साल केवल अपने कृपापात्र ठेकेदारों को रेवड़ी की तरह रकम बांटने का काम किया और बिना कोई काम कराए झूठे दावे परोसकर वाहवाही लूटते रहे। नतीजा यह हुआ कि जनता के दर्द से दूर पाॅपेट मेयर के शुद्ध कारोबारी राज में नगर निगम चौपट है और बारिश होते ही सड़क पर आई नालियों की गंदगी ने शहर की व्यवस्था को पोपट बनाकर रख दिया है।
ताजा स्थिति पर गौर करें तो शहर के दर्री रोड में नाली का पानी सड़क के ऊपर आकर बह रहा है। इस अव्यवस्था के चलते नगरवासियों के लिए यह कहना ही मुनासिब होगा कि उनकी व्यवस्था का दायित्व निभा रही संस्था अब नगर निगम नहीं, बल्कि नरक पालिका निगम की तर्ज पर कार्य कर रही है। निगम क्षेत्र के वार्ड आज भी व्यवस्थित जल निकासी से नहीं जुड़ सके हैं। मानसून आ जाने के बाद भी नगर निगम द्वारा पानी की निकासी के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं कर सका है। यह हाल केवल दर्री रोड ही नहीं, बल्कि कई क्षेत्रों का है। इतना ही नहीं, जगह-जगह सफाई के अभाव में कूड़े और गंदे पानी से नालियां जाम पड़ी हैं। यही वजह है जो बारिश के पूर्व नालियों की सफाई पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण बारिश में लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शहर की जल निकासी व्यवस्था को सुधारने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद कोई सुधार नहीं दिख रहा है। दैनिक उपयोग के अलावा बरसाती पानी के निकासी के लिए व्यवस्थित नालों का शहर में खासा अभाव है। कमोबेश गर्मी में पानी का बहाव तो हो जाता है, लेकिन जैसे ही बारिश आती है पानी का प्रवाह नालों में न होकर सड़कों में होने लगता है।