Lalu Prasad Yadav Birthday: चाय दुकान में बर्तन धोयें, रिक्शा भी चलाया और फिर बने बिहार के CM, जन्मदिन पर पढ़े लालू यादव का सफरनामा

90 के दशक में भारतीय राजनीती के केंद्र में रहे, बिहार के पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव का आज जन्मदिन हैं। लालू यादव को हर ओर से बधाइयां मिल रही हैं। विपक्षी दल के नेता भी उनकी लम्बी उम्र की दुआ कर रहे हैं। लालू यादव फिलहाल बीमार चले रहे हैं। उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है साथ ही साथ वह कई पुराने भ्रष्टाचार के मामलों में मुक़दमे का सामना भी कर रहे हैं। लालू यादव ने राजनीती में कई रिकॉर्ड अपने नाम किये हैं। लालू यादव का जीवन उतार-चढाव से भरा रहा हैं। बिहार की राजनीती में सक्रिय होने के बाद भी राजनीतिक उथल पुथल में उनकी अहम भूमिका रही। छात्र राजनीती से मुख्यधारा की सियासत में आएं लालू यादव के जन्मदिन पर जानेंगे उनसे जुडी कुछ खास बातें
राजद मुखिया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन के मौके पर आज पूरे बिहार में विविध आयोजनों की तैयारियां की गई हैं। लालू के जन्मदिन के मौके पर राजधानी पटना में राबड़ी आवास से लेकर सभी चौक-चौराहों को पोस्टरों से पाट दिया गया है। चुनावी राजनीति से दूर होने के बावजूद लालू यादव बिहार की सियासत में महत्वपूर्ण धुरी बने हुए हैं। मौजूदा समय में बिहार की सियासत में लालू यादव के दो बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी यादव सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं मगर राजद नेता आज भी लालू यादव का ही नाम जपने में जुटे रहते हैं।
जेपी आंदोलन से सियासत की शुरुआत
बिहार के गोपालगंज जिले के फुलवरिया गांव में 11 जून 1947 को पैदा होने वाले लालू यादव ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गोपालगंज से ही की। बाद में आगे की पढ़ाई के लिए वे पटना पहुंचे। पटना के बी एन कॉलेज से उन्होंने लॉ में स्नातक और राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। लालू यादव जमीन से जुड़े उन गिने-चुने नेताओं में हैं जिन्होंने अपनी किस्मत को खुद बनाया है। जेपी के आंदोलन से निकले लालू यादव महज 29 साल की उम्र में 1977 में पहली बार सांसद बनने में कामयाब हुए थे। बताया जाता हैं की लालू प्रसाद यादव का परिवार बेहद गरीब था। लालू अपने परिवार को चलाने खुद ही काम किया करते थे। इस दौर ऐसा भी रहा जब लालू यादव को बर्तन भी धोने पड़े और रिक्शा भी चलाना पड़ा
रेल मंत्री के रूप में काम से चौंकाया
इसके बाद वे लगातार कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते रहे। 10 मार्च 1990 को वे पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने और दूसरी बार 1995 में मुख्यमंत्री बने। 1997 में लालू प्रसाद जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल पार्टी बनाकर उसके अध्यक्ष बने। लालू प्रसाद ने अपने सियासी जीवन के दौरान आठ बार विधानसभा का चुनाव जीता।
1990 में रथयात्रा से गरमाया था माहौल
1990 में जब लालू प्रसाद यादव पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने तो उस समय अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के मुद्दे पर पूरे देश का माहौल गरमाया हुआ था। इसी बीच भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा निकालने की घोषणा कर दी थी। देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस रथयात्रा के प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह से लेकर यूपी और बिहार सरकार तक को रथयात्रा रोकने की चुनौती दे डाली थी।
