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बढ़ते उत्पादन की समीक्षा – भारतीय एल्यूमिनियम उद्योग का विस्तार और संभावनाएं (भाग 1)

एल्यूमिनियम उद्योग का बढ़ता दबदबा

भारत का एल्यूमिनियम उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पादन (GDP) में 2% का महत्वपूर्ण योगदान देता है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. व्ही. के. सारस्वत की रिपोर्ट के अनुसार, इस उद्योग ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 8,00,000 लोगों को रोजगार प्रदान किया है। यह न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है, बल्कि लाखों लोगों की आजीविका का भी आधार बन रहा है।

प्रमुख एल्यूमिनियम उत्पादक कंपनियां

भारत में एल्यूमिनियम उत्पादन के क्षेत्र में तीन प्रमुख कंपनियां हैं:

  1. वेदांता लिमिटेड: यह निजी स्वामित्व वाली कंपनी है और देश की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक कंपनी है।
  2. हिंडाल्को इंडस्ट्रीज: यह भी निजी स्वामित्व वाली कंपनी है और एल्यूमिनियम उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
  3. नाल्को (राष्ट्रीय एल्यूमिनियम कंपनी): यह सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है और एल्यूमिनियम उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।

सहायक कंपनियों का योगदान

इन प्रमुख कंपनियों की सहायक कंपनियों का भी उत्पादन और विकास में महत्वपूर्ण योगदान है:

  • वेदांता लिमिटेड: 49 सहायक कंपनियों के साथ वेदांता की व्यापारिक और सतत विकास रिपोर्ट में शामिल हैं।
  • हिंडाल्को: 79 सहायक कंपनियों में से केवल 2 कंपनियां हिंडाल्को की व्यापारिक और सतत विकास रिपोर्ट में शामिल हैं।
  • नाल्को: 4 सहायक कंपनियां हैं, लेकिन कोई भी नाल्को की व्यापारिक और सतत विकास रिपोर्ट में शामिल नहीं है।

उत्पादन की तुलना (लाख टन में)

भारत सरकार के खान मंत्रालय के अनुसार, तीनों कंपनियों का एल्यूमिनियम उत्पादन निम्नानुसार रहा है:

वर्षNALCOHINDALCOVedanta Ltd.कुल उत्पादन
2018-194.412.9619.5936.95
2019-204.1813.1318.8836.19
2020-214.1812.4119.5936.14
2021-224.613.0322.6940.32
2022-234.613.2117.2235.03

आर्थिक और सामाजिक योगदान

एल्यूमिनियम उद्योग न केवल आर्थिक विकास में योगदान दे रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक विकास और मानवाधिकारों को सुनिश्चित करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह उद्योग पर्यावरण अनुकूल तकनीकों का उपयोग कर अपने उत्पादन को बढ़ा रहा है, जिससे पर्यावरण पर कम से कम प्रभाव पड़े।

आज के लेख में हमने एल्यूमिनियम उद्योग के प्रमुख तथ्यों और आंकड़ों की समीक्षा की है। अगले भाग में, हम इन कंपनियों के अन्य पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे और उनकी रणनीतियों और भविष्य की योजनाओं का विश्लेषण करेंगे।


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