छत्तीसगढ़

सीएम भूपेश बघेल की पहल से लौटी छत्तीसगढ़ में सरोवरों की चमक, सौंदर्यीकरण और जीर्णाेद्धार के बाद लग रही लोगों की भीड़

रायपुर : राज्य में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है और भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री का पद संभाला है तब से प्रदेश में निरंतर विकास कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री का पद संभालते ही भूपेश बघेल ने प्रदेश के विकास के लिए होने वाले कार्यों पर जोर देना शुरू कर दिया था। इन्ही में से एक कार्य था प्रदेश के सरोवरों का सौंदर्यीकरण और जीर्णाेद्धार करवाने का। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के सरोवरों की चमक लौटी हैं।

सीएम ने किया बड़े तरिया का लोकार्पण

हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग जिले के कुम्हारी में बड़े तरिया का लोकार्पण किया। 16 एकड़ में फैले इस उद्यान में दो तालाबों को जोड़ा गया है और यहां पर खूबसूरत लाइट एंड साउंड शो होता है। इसे इतने खूबसूरत तरीके से बनाया गया है कि एक महीने के भीतर ही यहां इतनी भीड़ आने लगी है कि प्रवेश के लिए लंबी लाइन लगती है। जिला प्रशासन के अधिकारी बताते हैं कि छुट्टी के दिन यहां शाम को दस हजार लोग आ रहे हैं। इतनी ज्यादा भीड़ अप्रत्याशित थी। बच्चों की टाय ट्रेन, लाइट एंड साउंड शो की वजह से और बेहद खूबसूरत आर्च वाले पुल की वजह से, शानदार लैंडस्केप के चलते यह उद्यान लोगों को भा गया है। दो साल पहले मुख्यमंत्री ने दलपत सागर (जगदलपुर) में सौंदर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण किया था। सौंदर्यीकरण के बाद यहां भी लोगों की आवाजाही काफी बढ़ गई है। दलपत सागर दीपोत्सव कार्यक्रम का जब आयोजन किया गया तो हजारों लोग यहां दीप जलाने आये। रायपुर में विवेकानंद सरोवर के सौंदर्यीकरण के बाद यहां की चमक भी बढ़ी और आवाजाही में काफी इजाफा हो गया।

सीएम की पहल को मिल रहा जनसहयोग

सरोवरों के संरक्षण की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल के चलते जनसहयोग भी इसके लिए उमड़ रहा है। तालाबों की नगरी कहे जाने वाले धमधा की पहचान छह कोरी, छह आगर तालाबों को लेकर थी। इसमें से बहुत से तालाब अतिक्रमण का शिकार होते गए। सरोवरों के संरक्षण के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद धमधा में भी सरोवरों से अतिक्रमण हटाना शुरू हुआ। इससे जनसमुदाय भी काफी खुश हुआ। छत्तीसगढ़ में और देश भर में यह परंपरा रही है कि सरोवरों की सफल स्थापना और जीर्णाेद्धार के पश्चात यहां काष्ठ स्तंभ लगाया जाता है। ऐसे ही किरारी में एक सरोवर से मिले एक काष्ठ स्तंभ लेख से छत्तीसगढ़ में सातवाहन वंश की प्रशासनिक व्यवस्था की पुष्टि हुई थी। धमधा में लोगों ने इसी तरह से छह तालाबों में काष्ठ स्तंभ स्थापित किए और इस घटना का वृतांत भी लिखाया।

सरोवरों के किनारे बनाए जा रहे उद्यान और फूड

सरोवरों के सौंदर्यीकरण के साथ ही इनके आसपास उद्यान बनाये गए हैं और जहां पर अतिरिक्त जगह है वहां पर फूड जोन भी बनाये गए हैं। उदाहरण के लिए मिलेट मिशन को बढ़ावा देने के लिए मिलेट से बने उत्पाद इन फूड जोन में रखे जा रहे हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ी उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। जब मुख्यमंत्री पाटन में राजीव गांधी सरोवर के लोकार्पण के लिए पहुंचे तो यहां छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के लिए भी जगह निर्धारित की गई है और इसका संचालन भी स्वसहायता समूहों के लोगों द्वारा किया जा रहा है।

सरोवरों के किनारे हुआ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में बीते दिनों रायगढ़ गए थे। वहां उन्होंने केलो संवर्धन और जल संरक्षण के लिए नागरिकों से अपील की। इसका व्यापक असर हुआ है और जनभागीदारी से तालाब संवर्धन का बड़ा काम हो रहा है। इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन अमृत सरोवरों के किनारे भी हुए। तालाबों के कायाकल्प के लिए महती कार्य हो रहा है। उदाहरण के लिए रायगढ़ जिले को लें। यहां 170 तालाबों में व्यापक कार्य किया गया है। एक तालाब में बारिश का एक करोड़ लीटर पानी स्टोर होगा, इससे बारिश की अमृत बूंदों को सहेजने की संभावना कितनी बढ़ जाएगी। रायगढ़ में 105 तालाब अमृत सरोवर के अंतर्गत खोदे गए हैं। राजनांदगांव जिले में स्वच्छ सरोवर महाअभियान का आयोजन हुआ। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 407 ग्राम पंचायतों में 47 हजार से अधिक लोगों ने अपने तालाब को साफ किया और पौधरोपण भी किया।

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