ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र निर्माण से ग्रामीणों को मिला रोजगार, अब कचरे का होगा समुचित प्रबंधन
स्व-सहायता समूह की महिलाओं को अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र संचालन से मिला स्वरोजगार

सुकमा। जिले के विकासखण्ड छिन्दगढ अंतर्गत ग्राम पंचायत कोडरीपाल-2 में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र का संचालन स्व-सहायता समूह (गंगा मैया) के द्वारा किया जा रहा है। उक्त स्व सहायता समूह के 25 सदस्य महिलाएं इसे संचालित कर आजीविका एवं स्वरोजगार का साधन बना चुकी हैं। मनरेगा कार्यक्रम से स्थानीय समुदाय को होने वाले लाभों का एक अच्छा उदाहरण है। जहां कुल जॉब कार्ड संख्या 301 है एवं सक्रिय मजदूर संख्या 458 है। मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत कोडरीपाल-2 में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र 132.25 वर्ग मीटर पर करीब 04 लाख 28 हजार रुपए की लागत से बना है।
मनरेगा से निर्मित इस संरचना के सम्बंध में आजीविका एवं स्वरोजगार से जोड़ने के लिए, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्य, स्वच्छता कम्पोस्ट खाद के लिए कोडरीपाल-2 मांझीडीह के लोगों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र से होने वाले लाभों के बारे में पूर्ण जानकारी का अभाव था। जिसके कारण लोग घरेलू कचरे और स्थानीय स्तर पर सामुदायिक कचरे को लोगों द्वारा नदी (गुरटीनाला) में डाल दिया जाता था। जिससे नदी का जल प्रदूषित हो जाता था। लोगों को शेड का उपयोग कराने एवं कचरे को एकत्रित करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में मनरेगा एवं स्वच्छ भारत मिशन और राष्ट्रीय आजीविका मिशन के कार्यान्वयन के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों और गांव के बुजुर्ग महिलाएं और मजदूरी के इच्छुक ग्रामीणों ने एक साथ बैठक की और एक आम सहमति बनाई। मांझीडीह के जॉब कार्डधारक 50 श्रमशक्ति संघ बनाने के लिए आगे आए हैं सभी ग्रामीणों को मनरेगा पदाधिकारियों के द्वारा गांव में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र निर्माण कार्य एवं उससे होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दिया गया।
स्व-सहायता समूह (गंगा मैया) के सदस्य बताते हैं कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र निर्माण के लाभों के बारे में अनभिज्ञ थे। फिर हमें स्वच्छ भारत मिशन एवं राष्ट्रीय मिशन टीम के द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र निर्माण के लाभ एवं पर्यावरण, स्वच्छता के बारे में जानकारी दिया गया। जिसके पश्चात हमारे द्वारा अपने पारा मांझीडीह में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। जिसके कारण हमारे आय में अभी वृद्धि हो रही है। हितग्राही रामनाथ नाग कहते हैं कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र निर्माण का कार्य होने से ग्राम पंचायत कोडरीपाल 2 के मांझीडीह पारा के लोगों को रोजगार मिला है एवं स्व-सहायता समूह के दीदियों को स्वरोजगार का जरिया मिल गया है। ग्रामीण बताते है कि विश्लेषण से पहले और बाद में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र निर्माण के पूर्व कचरे को सीधे नाले में डाल दिया जाता था, जिससे नाला प्रदूषित हो रहा था एवं कचरे के निपटारा के लिए कोई सुविधा नहीं था परन्तु ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र के निर्माण होने से कचरे का निपटान अच्छे किया जा रहा है। समूह को आय वृद्धि एवं स्व-रोजगार मिला है।
कलेक्टर हरिस.एस के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन के मार्गदर्शन में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में स्वच्छ भारत मिशन के द्वारा लोगों को बताया जा रहा एवं उसके लाभ एवं उपयोगिता के बारे में जागरूक किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत छिन्दगढ़ प्रफुल कुमार गुप्ता, सहायक परियोजना अधिकारी अखिलेश राजपूत और तकनीकी सहायक रवि शोरी, एवं ग्राम पंचायत कोडरीपाल-2 के सरपंच और पंचायत पदाधिकारियों के द्वारा ग्रामीणों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र निर्माण कार्य करने हेतु प्रेरित किया गया है। इसका सकारात्मक परिणाम संबंधित पारा के हितग्राहियों को प्राप्त होने के साथ ही ग्रामीणों को स्वरोजगार मिला है, जिससे इनके आय में वृध्दि हो रही है। ग्रामीण अब स्वच्छता के प्रति जागरूक हुए हैं।