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बालकों नगर प्रशासन का गैरजिम्मेदाराना फैसला: धार्मिक आयोजनों में अब नहीं मिलेगी बिजली उपकरणों की सुविधा, स्वतंत्रता दिवस के बाद गणेश उत्सव में विवाद

कोरबा – बालकों नगर प्रशासन ने इस वर्ष गणेश उत्सव के आयोजन को लेकर एक और विवादित और गैर-जिम्मेदाराना फैसला लिया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस बार केवल बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि सुरक्षा उपकरणों जैसे स्विच बोर्ड, वायर, कंट्रोल मैन स्विच आदि की व्यवस्था आयोजन समिति को खुद करनी होगी। इससे किसी भी दुर्घटना या हानि की जिम्मेदारी नगर प्रशासन की नहीं, बल्कि आयोजन समिति की होगी।

पिछले कई वर्षों से बालकों प्रबंधन धार्मिक आयोजनों के लिए पूरी विद्युत व्यवस्था और उपकरणों की व्यवस्था करता था, जिससे आयोजनों में किसी प्रकार की बाधा न आए और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम बने रहें। परंतु इस बार प्रशासन ने अपनी इस जिम्मेदारी से पीछे हटते हुए सिर्फ कनेक्शन देने का फैसला लिया है, बाकी सभी व्यवस्था आयोजन समितियों को खुद करनी होगी। इस बाबत अपनी स्थापना के बाद से संभवतः पहली बार पत्र जारी किया गया है जबकि इससे पहले कोई पत्राचार नहीं होता था केवल व्यवस्थाएं प्रबंधन मुख्य आयोजन समिति में करता था। इस कदम से न केवल आयोजन समितियों पर आर्थिक दबाव बढ़ा है, बल्कि सुरक्षा की चिंताएँ भी बढ़ गई हैं।

प्रशासन के इस फैसले से गणेश उत्सव के आयोजक और नगरवासी दोनों ही चिंतित हैं। न केवल उन्हें अपने खर्चे पर विद्युत उपकरणों का प्रबंध करना होगा, बल्कि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में वे खुद ही जिम्मेदार होंगे। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि विद्युत उपकरणों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का सही ढंग से पालन नहीं किया गया, तो इसका परिणाम गंभीर हो सकता है।

स्वतंत्रता दिवस का आयोजन भी रहा विवादित:

बालकों प्रबंधन की ओर से इस साल स्वतंत्रता दिवस के आयोजन में भी बड़ा बदलाव किया गया था। हर साल जहां बालकों के अंबेडकर मैदान में बड़े पैमाने पर स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित होता था और सीईओ द्वारा ध्वजारोहण किया जाता था, इस बार यह आयोजन मात्र प्रशासनिक भवन तक सीमित कर दिया गया। इससे न केवल बालकों नगर के लोग ध्वजारोहण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद नहीं ले पाए, बल्कि स्थानीय व्यापारियों को भी व्यापार के अवसरों से वंचित होना पड़ा।

नगरवासियों का कहना है कि बालकों प्रबंधन धीरे-धीरे उनके सम्मान और सुविधा को कम करता जा रहा है। पहले स्वतंत्रता दिवस का आयोजन बंद कर दिया गया और अब धार्मिक आयोजनों में भी सुविधाओं में कटौती की जा रही है। जनता का यह भी मानना है कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहा है, जिससे आम जनता की समस्याएँ बढ़ रही हैं।

अब देखना यह होगा कि बालकों प्रशासन जनता के आक्रोश को देखते हुए अपने इन विवादित निर्णय पर पुनर्विचार करेगा या नहीं।

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