कोरबा विधानसभा में पहली बार उतरे मसीही समाज के दो उम्मीदवार, चुनावी समीकरण बिगाड़ न दें सामाजिक लोग…

कोरबा – मसीही समाज से दगाबाजी इस बार राजस्व मंत्री को भारी पड़ेगी. जिस समाज के वोट के बलबूते हुए विधायक बनते आए हैं इस चौथा चुनाव में वही समाज उनके लिए विरोधी काम करने के लिए मजबूर हो गया है।
मंत्री जी ने इस समाज की 100 साल से अधिक समय से सहेजी गई जमीन को अपने रुतबे का धौंस दिखाते हुए अन्य समाजों को देने का काम किया।
मंत्री जय सिंह अग्रवाल की मनमानी अब उन्हीं पर भारी पड़ने वाली है।
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मसीही समाज ने विरोध के स्वरूप प्रवीण मसीह और सीमोन फ्रांसिस को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतार दिया है। खुद मसीही समाज के पदाधिकारी और शुभचिंतक तक कहते हैं कि इस बार जयसिंह अग्रवाल को वोट देने का कोई औचित्य ही नहीं रह गया जब उनसे दगाबाजी कर दी है।
इतना ही नहीं जय सिंह अग्रवाल से उस समाज के लोग भी नाराज हैं जिनसे उन्होंने मौके-मौके पर लूज टॉक में बात किया है। ऐसे समाज के लोग अपने मन में बात दबाये रखे हैं और यह उनके लिए सुनहरा मौका है जब एक बटन से हाथ उठाकर दूसरे छाप पर अपना निशान लगाएंगे और जय सिंह के खिलाफ काम करेंगे। माना जा रहा है कि इस जिद के आगे ना धन बल काम आएगा ना बाहुबल।
पिछले कई दिनों से मसीही समाज में इसी बात को लेकर रोष देखा जा रहा है की 100 वर्ष से भी अधिक पुरानी जमीन को आखिर क्यों छीना है ? कोरबा शहर के मध्य में मिशन स्कूल और पास के क्षेत्रों को कोरबा शहर में मिशन कंपाउंड पहचान रहा है। यहां 1919 में मेनोनाइट चर्च 100 साल से भी अधिक समय से स्थापित है पास ही स्कूल का भी दशकों से संचालित है। शेष पड़ी भूमि को अंग्रेजो के जमाने से समाज के लोग संरक्षित व सुरक्षित रखते संवारे हुए थे।
पर विगत वर्षों में मसीह समाज के जमीन पर जयसिंह अग्रवाल की नजर इस चुनाव में लाभ लेने की नीयत से टेढ़ी हो गई और सत्ता के दम पर उसे मसीह समाज से छीन लिया। समाज की ओर से विरोध को सत्ता का भय दिखा कर दबा दिया गया।
अब मसीही समाज अपनी ग़लती पर अफ़सोस कर समाज की विरासत को बांटने वाले को फिर से विधायक नहीं बनाना चाहता।समाज के कुछ लोगों का कहना है हमारे समाज के साथ छल कपट किया गया है.विधानसभा क्षेत्र में मसीही समाज के लगभग 15 से 20 हजार वोट है इन सभी ने निर्णय ले लिया है कि इस बार समाज के साथ छल करने वालों को सबक सिखाना है समाज हित में जो सभी समाज को एक साथ लेकर चले वैसे लोगों को वोट करें हमारे समाज के लोगों को वोट कर समाज के साथ छल करने वाले लोगों को इस बार सबक सिखाएं।