
इसरो ने चंद्रयान को नलेकर नया अपडेट साझा किया है. इसरो के मुताबिक़ आज (18 जुलाई २०२३) दोपहर में चंद्रयान-3 की तीसरी कक्षा बदल दी गई है. धरती की सतह से चंद्रयान-3 की लंबी दूरी यानी एपोजी में बदलाव किया गया है. अगला बदलाव 20 जुलाई को दोपहर इसी समय होगा. मकसद है चंद्रयान-3 को धरती से 1 लाख किमी दूर तक पहुंचाना है. तीसरी ऑर्बिट मैन्यूवरिंग से पहले चंद्रयान 226 किलोमीटर की पेरीजी और 41,762 किलोमीटर की एपोजी वाली अंडाकार ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है. इस ऑर्बिट मैन्यूवरिंग में 41,762 किलोमीटर की दूरी को बढ़ाया गया है.
14 को की गई लॉन्चिंग बेंगलुरु
बता दे कि शुक्रवार को इसरो को लॉन्चिंग सेट श्रीहरि कोटा से एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ का सफल प्रक्षेपण किया था. इस अभियान के तहत यान 41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर एक बार फिर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा. ऐसा करने के साथ ही भारत चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले अमेरिका, रूस और चीन के क्लब में शामिल हो जाएगा. चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए 23 अगस्त का इंतजार करना होगा. शुक्रवार को इसका सफल प्रक्षेपण भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन गगनयान-1 के लिए बड़ी सफलता के रूप में सामने आया है.
चंद्रयान-2 हो गया था असफल
7 सितंबर, 2019 को, इसरो ने चंद्रयान 2 लॉन्च किया गया था, लेकिन देश का सपना टूट गया, जब इस यान का संपर्क टूट गया था. अंतरिक्ष एजेंसी ने विक्रम लैंडर से सभी संपर्क खो दिए थे. अगर यह सफल रहता तो भारत चांद की अब तक मजबूती से टोह ले चुका होता.