BREAKING : Land For Job Scam: लालू प्रसाद यादव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, गृह मंत्रालय से सीबीआई को मिली केस चलाने की अनुमति

पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सीबीआई ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) को इस बात की जानकारी दी है कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के खिलाफ कथित भूमि नौकरी घोटाला मामले (Land For Job Scam) में एक ताजा आरोप पत्र के संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त कर ली गई है. सीबीआई के मुताबिक हालांकि तीन रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मंजूरी अभी तक नहीं मिली है. सीबीआई (CBI) ने कहा कि शेष मंजूरी एक सप्ताह के भीतर मिलने की उम्मीद है. मामले को 21 सितंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. बता दें कि सीबीआई ने लालू के खिलाफ केस चलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से इजाजत मांगी थी.
क्या है यह पूरा मामला?
नौकरी के बदले जमीन घोटाला का ये मामला 2004 से 2009 के बीच का है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव उस समय केंद्र में रेल मंत्री थे. लालू यादव परिवार पर आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में की गई नियुक्तियों के बदले उन्हें गिफ्ट में जमीन दी गई या फिर कम दाम पर जमीन बेची गई. इस केस में सीबीआई लगातार जांच कर रही है. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े पहलुओं की जांच ईडी कर रहा है.
इसी साल तेजस्वी का नाम भी जोड़ा गया
इस केस में तीन जुलाई 2023 को सीबीआई ने दूसरी चार्जशीट दाखिल की, जिसमें पहली बार तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया. तेजस्वी यादव का नाम भी आरोपी के तौर पर जब शामिल हुआ तो खूब बयानबाजी भी हुई थी. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि इसकी आशंका तो तेजस्वी यादव को पहले से थी. तेजस्वी यादव काफी मजबूत व्यक्ति हैं. उन्होंने पहले ही कहा था कि यह सब होने वाला है. इस तरह डराने-धमकाने से कुछ नहीं होने वाला है.
सुशील मोदी लगातार करते रहे हैं हमला
जमीन के बदले नौकरी के मामले में लगातार बीजेपी हमला करती है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी यह कह चुके हैं कि रेलवे की नौकरी के बदले जमीन मामले में संपत्ति जब्त करने की प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बाद लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि आखिर वे लगभग 100 करोड़ की संपत्ति के मालिक कैसे बने? इस मामले में चुप्पी साधने के बजाय नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव से बिंदुवार जवाब मांगना चाहिए. जेडीयू लालू परिवार पर ईडी और सीबीआई की कार्रवाई का विरोध केवल दिखावे के लिए कर रहा है