आयुक्त की फटकार के बाद भी नहीं सुधरी श्रद्धा कंस्ट्रक्शन के कार्यशैली, 20 जून तक सड़क निर्माण का कार्य समाप्त करने का अल्टीमेटम दिया था निगम आयुक्त ने, लेकिन आज तक शुरू नही हुआ कार्य, अधूरे सड़क निर्माण से लोगो की समस्या हुई दोगुनी

कोरबा। आखिर किसका संरक्षण मिला है श्रद्धा कंस्ट्रक्शन को?आखिर क्यों बार बार पत्राचार और शिकायत का भी असर नहीं हो रहा उक्त ठेकेदार को? नगर निगम आयुक्त की फटकार का भी के बाद भी आखिर क्यों नही सुधरी श्रद्धा कंस्ट्रक्शन की कार्यशैली? ये सभी सवाल आज वार्ड क्रमांक 23 के लोग पूछ रहे है, जिनके क्षेत्र की सड़क सुधार का कार्य इस ठेका कंपनी को मिला है। कार्य शुरू हुए लगभग कई महीने बीत गए। बीच में अचानक बिना किसी कार्य के काम को रोक दिया गया। इस बीच शिकायत मिलने पर नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पांडे में निर्माण स्थल पर पहुंचे। उन्होंने ठेकेदार को जमकर फटकार लगाई। और 20 जून तक कार्य समाप्त करने का अल्टीमेटम दिया, लेकिन इसके बाद भी श्रद्धा कंस्ट्रक्शन को कोई असर नही हुआ।
[सूत्र बताते हैं कि श्रद्धा कंस्ट्रक्शन का ताल्लुक शहर के कुछ सफेदपोश नेताओं से हैं ।जिनके संरक्षण में यह कंपनी कार्य करती है। वार्ड क्रमांक 23 में काफी अर्जी लगाने के बाद सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था जो निगम के हैं जनप्रतिनिधियों को रास नहीं आया ।जिसके कारण जानबूझकर लोगों को बारिश में समस्याओं के बीच छोड़ा जा रहा है।सड़क के संबंध में ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज़ नेटवर्क के द्वारा लगातार खबर के प्रसारण के बाद निगमायुक्त भी मौके पर पहुंचे थे ।यहां पर उन्होंने श्रद्धा कंस्ट्रक्शन के ठेकेदारों को जमकर लताड़ा था लेकिन इसके बाद भी उनकी आंखें नहीं खुली, या उन्होंने खोली नही, यह साबित करता है कि प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर के लोगों से संबंधित कंपनी का तालमेल है जिसके कारण कार्य समय पर नहीं करने, व मनमानी के बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।ब
बहारहाल अधूरे सड़क के कारण लोगो की समस्या दोगुनी हो गई। पहले जहा सिर्फ गड्ढों से लोग परेशान थे, वही अब धूल के गुबार के कारण परेशानी और बड़ गई है। राजनीति रस्साकसी में कुल मिलाकर वार्ड क्रमांक 23 की जनता काफी परेशान है, लेकिन उनकी समस्या को समझने का दावा करने वाले जनप्रतिनिधि शहर विधायक , महापौर सब तमाशबीन बने