
कोरबा। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय ने चांपा कोरबा कटघोरा फोरलेन भूमि अधिग्रहण में 200 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी का केस अब ईडी अपने हाथों में ले लिया है। जैसे ही इस मामले की जानकारी शहर वासियों को लगी उन लोगों के हाथ पांव फूलने लगी जो खुद को भू माफिया बताते थे।। आपको बता दे कि ईडी ने कुछ दिन पहले चिट्ठी लिखकर कोरबा पुलिस से फिर और चार्ज शीट की कॉपी मांगी थी। पुलिस ने पूरी जानकारी दी थी । चर्चा है कि फोरलेन निर्माण की जानकारी के पहले प्रभावशाली लोगों ने सस्ती जमीन खरीद ली थी।।
कुछ समय पहले कोरबा नगर निगम के पूर्व सभापति धूरपाल सिंह कंवर पर भूमि अधिग्रहण व टुकड़े पर रजिस्टरी करने के मामले पर अपराध भी क़ायम हुआ था धुरपाल सिंह छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के बेहद करीबी माने जाते हैं।
जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े कर रजिस्ट्री कराई है। एसीसीएल की भी जमीन के अधिग्रहण में भी फर्जीवाड़े का आरोप है। ईडी इससे पहले कोल, आबकारी, डीएमएफ, नान, जनजीवन मिशन घोटाले और ऑनलाइन सट्टे, हवाला की जांच कर रही है। इसमें पटवारी, आरआई से लेकर राजनेता समेत कई बड़े लोगों की भूमिका की जांच की गई। घोटाले की पाली तानाखार विधायक मोहित केरकेट्टा व कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर ने खुद शिकायत की थी।
50 गांवों में 500-500 वर्ग मीटर से कम के टुकड़े कर खरीदी-बिक्री
चांपा-कोरबा-कटघेारा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 149 बी में फोर लेन का निर्माण होना है। प्रोजेक्ट आने के पहले ही कोरबा के हरदीबाजार-तरदा बाईपास जमीन को कुछ लोगों ने सिंडिकेट बनाकर खरीद लिया। इसमें 50 गांवों में 500-500 वर्ग मीटर से कम के टुकड़े कर जमीनों की खरीदी-बिक्री की गई है।
200 से ज्यादा लोगों ने इस जमीन को बहुत ही सस्ते दर पर खरीद लिया। ताकि उन्हें मोटा मुआवजा मिल सके। जबकि इन जमीन की खरीदी-बिक्री पर प्रशासन ने रोक लगाई थी। इसके बाद भी रजिस्ट्री कर दी गई। इसमें सरकार को 200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान पहुंचाया गया।
अलग-अलग केस में 19 गिरफ्तार
ईडी अक्टूबर 2022 से राज्य में कार्रवाई कर रही है। अवैध कोल परिवहन में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें दो आईएएस, दो माइनिंग, एक राप्रसे की अधिकारी समेत एक दर्जन बड़े कारोबारी है। आबकारी गड़बड़ी में आबकारी के बड़े अधिकारी समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। गुरुवार को सट्टेबाजी केस में एक पुलिस वाला समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
डीएमएफ गड़बड़ी में आईएएस रानू साहू से अभी पूछताछ हुई है। चावल सप्लाई गड़बड़ी में राइस मिलर के यहां छापेमारी की गई। जबकि 70 से ज्यादा लोगों के घर छापेमारी सभी केस में हो चुकी है। 300 से ज्यादा लोगो से पूछताछ की गई। 300 करोड़ से ज्यादा संपत्ति भी अटैच की गई है। भारी मात्रा में कैश और ज्वेलरी भी अटैच किया गया है।
पुलिस में दर्ज है चारसौबीसी
ईडी ने जो सातवीं जांच भूमि अधिग्रहण में शुरू की है। वह पुलिस की कार्रवाई से लिया गया है। कोरबा पुलिस ने धारा 420 समेत अन्य धारा में केस दर्ज किया है। यह पीएमएलए की अनुसूचित अपराध में शामिल हैं। अभी ईडी सट्टेबाजी में मनी लान्ड्रिंग और हवाला पर कार्रवाई कर रही है। यह भी दुर्ग, रायपुर और आंध्रप्रदेश पुलिस की कार्रवाई से शुरू हुई है।
इससे पहले कोल परिवहन केस में बेंगलुरु और आईटी के एफआईआर को लेकर केस दर्ज किया गया और कार्रवाई की गई। आबकारी और नान में आईटी ने केस दर्ज किया है।
यद्यपि राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए भूमि का अधिग्रहण राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के तहत किया जाता है, लेकिन भूमि का मुआवजा; भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार तय किया जाता है, जो भूमि के निर्धारित बाजार मूल्य से 2 से 4 … अधिक होता है।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
खरीदी-बिक्री में रोक के बाद भी 200 लोगों के नाम से रजिस्ट्री कैसे हुई?
प्रशासन के कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं? उनकी भूमिका क्या हैं?
तत्कालीन कलेक्टर और एसडीएम ने रजिस्ट्री होने कैसे दिया?
पटवारी-आरआई ने नापखोज व सीमांकन कैसे कर दिया?
जिन लोगों की जमीन थी। उन्हें कितना पैसा दिया गया?
जमीन किसने-किसने खरीदी हैं? उन्हें फंडिंग किसने की हैं?
जमीन खरीदने वाले किस से जुड़े हुए हैं?