*चुनावी माहौल में विधायक जयसिंह भूले कौन अपना कौन पराया, सभी कार्यों का लिया श्रेय, फिर सांसद ने क्या किया अपने कार्यकाल में, पूछ रही है कोरबा की जनता, देखे वीडियो”

कोरबा: चुनाव के आने के साथ ही नेता बरसाती मेढक सरीके सक्रिय हो जाते है। इतने सक्रिय कि उन कार्यों को भी अपना बताने और राजनैतिक लाभ लेने से भी गुरेज नहीं करते जो इन्होंने किया ही नहीं है। यही हाल कोरबा विधायक का भी है, जिन्होंने एक टीवी चैनल में दिए इंटरव्यू में उन सभी कार्यों को अपना बता दिया और इशारों इशारों में सांसद को निष्क्रिय बता दिया।
चेला गुरु पर भारी इस आशय की रिर्पोट ग्राम यात्रा न्यूज नेटवर्क ने पूर्व में भी प्रकाशित की थी। जिसमें बताया गया था की चेले के कारण ही गुरु अपनी जमीन तलाशने को मजबूर है ।अब उनकी धर्मपत्नी के लोकसभा क्षेत्र में किए गए कार्यों का श्रेय भी विधायक जी ले रहे हैं।। ऐसे में अपने कार्यकाल में सांसद ने क्या किया है इस पर भी प्रश्न उठने लगे हैं। मेडिकल कॉलेज से लेकर उन सभी बातों का श्री विधायक ने स्वयं लिया।
खैर अपने मुंह मियां मिट्ठू वाली कहावत के साथ ही टिकट की आस, जनता का विश्वास जीतने के लिए कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने यह भी कहने से परहेज नहीं किया कि उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों से अभद्रता करने से कोई एतराज नहीं है । उन्होंने इस बात का उल्लेख कोरबा की जनता की राख की समस्या को लेकर कहा । उनका कहना था कि कोरबा को राख की समस्या देने में पूर्ण रूप से बालकों का हाथ है । वही बालको जिसके कभी ठेकेदार हुआ करते थे विधायक व उनके परिजन।
राजस्व मंत्री अपने तारीफों के पुल बांधते हुए उस समय पर पहुंच गए जब उनकी पत्नी नगर निगम महापौर हुआ करती थी । विधायक के अनुसार तब से लेकर अब तक पूरे क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया गया, सभी लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया गया, घर-घर बिजली का कनेक्शन भी दिया गया, लोगों के लिए राशन कार्ड की व्यवस्था भी विधायक व उनकी पत्नी ने करवाया तो। फिर आए दिन जाम होने सड़क के कारण लोग चक्का जाम क्यों कर रहे हैं ? क्यों आज से लगभग 2 दिन पूर्व बच्चे स्कूल जाने से चूक गए ?
ऐसे में प्रश्न यह भी उठता है कि जिन सड़कों का जाल विधायक ने बिछाया है वह जाल आखिर है कहां? सिर्फ बिजली कनेक्शन देने से ही बात नहीं बनेगी, शहर में बिजली भी होनी चाहिए। राशन दुकानों में चक्कर लगाते लोग आपको आए दिन नजर आ जाएंगे । ऐसे में राजस्व मंत्री कि विकास की बात कर रहे हैं यह तो वही जाने।
हाल फिलहाल में शहर की दुखती नस बनी कुसमुंडा रोड को लेकर भी विधायक ने कहा कि सार्वजनिक प्रतिष्ठानों से रुपए लेकर सड़क का कार्य कराया जा रहा है । इस सड़क के लिए उनके द्वारा चक्काजाम भी किया गया था । सूत्र बताते हैं कि इस सड़क का निर्माण भी विधायक जयसिंह अग्रवाल व उनके परिजनों के ठेका कंपनी को दी गई है।
चारो तरफ सफेद राख, सुंदर सुंदर गड्ढों से भरी सड़क और उनपर बेधड़क चलते भारी वाहन यही पहचान है कोरबा की। वही वही कोरबा जिसकी रोशनी से कभी देश का कोना-कोना रोशन हुआ करता था। आज वही कोरबा अपने निष्क्रिय नेताओं के कारण अंधेरे में डूबता जा रहा है ।।कोरबा की धरती को चीरकर निकालने जा रहे खनिज का भी राजस्व नेता, अधिकारी डकार जाते हैं। यहां भी केवल धूल और राख ही जनता के हिस्से में आती है। ऐसे में विकास की बखिया उखाड़ने वाली नेता अपनी पीठ थपथफानी का मौका नहीं छोड़ते। शायद यही है राजनीति जिसमें राज तो है लेकिन नीति कहा गई।अधिकारियों से अभद्रता और उनका शिकायत कर दबाव बनना और अपनी और अपने लोगों की ठेकेदारी चमकाना यही राजनीति है???