
कोरबा : जन हितैषी राजनेता का दम भरने वाले राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का दोहरा चरित्र अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिखने लगा है ये हम नहीं कह रहे कोरबा के हर चौक चौराहों पर ये चर्चा अब आम होने लगी है ! महापौर की कुर्सी पर इनकी उंगली पर नाचने वाले मूलतः बिहार के तथाकथित ओबीसी राजकिशोर प्रसाद को बैठाने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई टीम में कोरबा विधानसभा से केवल बाहरी लोगो को जगह दिलाई है,
बहरियो से भी जब कोटा फूल नहीं हो पाया तो प्रदेश सचिव के पद पर अपने बेटे रिशु अग्रवाल की नियुक्ति करा दी गई। रिशु कभी भी सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं रहे न ही जिला या ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में किसी पद में रहे लेकिन पितृ मोह में उसको अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रदेश सचिव बनवा दिया गया है। साथ ही कई अपराधिक मामले के आरोपी विकास सिंह को टीम में जगह दिलाई. ये कोई पहला मौका नहीं है जब जयसिंह ने छत्तीसगढ़ के लोगो के साथ छलावा किया हो इससे पहले भी जब महापौर का चुनाव पार्षदों के द्वारा चुना जाना था जब भी ये दोहरा चरित्र सबके सामने आया था
कोरबा कांग्रेस के सभी ओबीसी के बड़े चेहरों को पार्षद के मैदान में ये कहते उतार दिया गया था कि जीत के बाद उनके महापौर की कुर्सी सुरक्षित है। बावजूद जब दावेदार मूल छत्तीसगढ़िया धरम निर्मले, सुरेंद्र जायसवाल और संतोष राठौर जीत कर निगम पहुंचे तब फर्जी ओबीसी के आरोपी राजकिशोर प्रसाद को महापौर मंत्री जयसिंह के आशीर्वाद से बनवा दिया गया। इस बात का मलाल आज तक कांग्रेस के लोगो में भीतर ही भीतर है जो समय समय पर बाहर आता रहता है। महापौर की जाति का मामला अब भी जांच के दायरे में है हालाकि ये सही है कि चुनाव से कुछ दिन पहले ही राजकिशोर प्रसाद ने कोरबा से अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाया है इस मामले में राजनीतिक दबाव का भी आरोप है।
फिलहाल छत्तीसगढ़ी लोगो की उपेक्षा कर तवज्जो नहीं देने वाले मंत्री जी को इस बार विधानसभा चुनाव में उपेक्षित लोगो का कितना साथ मिलता है ये तो भविष्य में है लेकिन नाराजगी तो चरम पर है और नाराजगी की प्रकाष्ठा इस बार वोटों की शक्ल में भी दिख सकती है। हालाकि चुनाव के समय सबको संतुष्ट कर लेने का हुनर रखने वाले जयसिंह अग्रवाल को भी कम नहीं आंका जा सकता है