पं. रविशंकर शुक्ल नगर गरबा-डांडिया उत्सव समिति ने तोड़ी परंपरा, इस बार प्रथम आने वाले प्रतिभागी को नहीं मिलेगी स्कूटी, जानिए क्या लिया है समिति ने निर्णय…
कोरबा 28 सितंबर, शारदीय नवरात्रि के अवसर पर, मां भगवती की आराधना के साथ गरबा और डांडिया नृत्य का आयोजन भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। इस धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व का महत्व हर आयु वर्ग के लोगों में देखने को मिलता है, जहां वे उत्साह और उमंग के साथ इस पवित्र नृत्य का हिस्सा बनते हैं। पं. रविशंकर शुक्ल नगर गरबा-डांडिया उत्सव समिति ने इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपने तीसरे वर्ष के भव्य आयोजन की तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं।

पिछले दो वर्षों से आयोजित होने वाला यह गरबा-डांडिया उत्सव अब पूरे जिले में अपनी अलग पहचान बना चुका है। आयोजन के प्रति लोगों की बढ़ती दिलचस्पी और उत्साह ने इसे जिले का सबसे प्रमुख सांस्कृतिक आयोजन बना दिया है। इस वर्ष भी, पं. रविशंकर शुक्ल नगर के प्रांगण में आयोजित होने वाला यह उत्सव पहले से अधिक भव्य और आकर्षक होगा। आयोजन समिति ने इसे और भी खास बनाने के लिए कई रोमांचक पहलुओं को जोड़ा है, जिनमें पुरस्कार और सरप्राइज इनाम विशेष रूप से शामिल हैं।
हर वर्ष की तरह इस बार भी आयोजन के दौरान कई आकर्षक पुरस्कारों की घोषणा की गई है। पिछले दो वर्षों से गरबा-डांडिया में प्रथम स्थान पर आने वाले भाग्यशाली प्रतिभागी को इलेक्ट्रिक स्कूटी दी जा रही थी। वहीं, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को भी आकर्षक पुरस्कार दिए जा रहे थे। इस बाद हर दिन के सर्वश्रेष्ठ 20 गरबा नृत्य करने वालों को भी विशेष उपहार दिए जाएंगे। आयोजन समिति का यह प्रयास प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने और उत्सव में और भी अधिक जोश भरने के लिए है।
इस वर्ष एक और खास आकर्षण है सरप्राइज गिफ्ट ! हालांकि समिति ने अब तक इन पुरस्कारों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन यह तय किया गया है कि सप्तमी के दिन इनामों की घोषणा की जाएगी। बताया गया है कि प्रतियोगिता में प्रथम सहित द्वितीय व तृतीय आये प्रतिभागी को समिति ने इस बार इनामों को पिछले वर्षों से भी अधिक शानदार और आकर्षक बनाने की योजना बनाई है। इस सरप्राइज की घोषणा ने लोगों में उत्सव के प्रति और भी अधिक उत्सुकता और जिज्ञासा पैदा कर दी है।
पं. रविशंकर शुक्ल नगर गरबा-डांडिया उत्सव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें भाग लेने के लिए किसी भी प्रतिभागी से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। आयोजन समिति ने इस वर्ष भी यह नियम जारी रखा है, ताकि सभी लोग बिना किसी आर्थिक बोझ के इस भव्य आयोजन का हिस्सा बन सकें। इस निर्णय ने निश्चित रूप से अधिक से अधिक लोगों को इस उत्सव में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है। आयोजन समिति का मानना है कि मां भगवती की आराधना एक पवित्र कार्य है, और इसे शांतिपूर्ण, सात्विक और पारंपरिक तरीके से सम्पन्न करना चाहिए।
हर वर्ष की तरह इस बार भी, पं. रविशंकर शुक्ल नगर में होने वाले इस आयोजन में कॉलोनी सहित जिले भर से 500 से अधिक लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। यह आयोजन केवल नृत्य का उत्सव नहीं है, बल्कि यह मां भगवती की आराधना का एक माध्यम भी है, जहां लोग धार्मिक श्रद्धा के साथ पारंपरिक नृत्य का आनंद लेते हैं।
समिति के सदस्यों ने सभी जिलेवासियों से अपील की है कि वे इस भव्य आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और इसे सफल बनाएं। मातृशक्ति की पूजा, पारंपरिक नृत्य, और सामूहिक भागीदारी का यह पर्व केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है।